श्री तेजा दर्शन महोत्सव 2020 में शान्ति चौधरी राजस्थान नृत्य कला रत्न से सम्मानित

इस कार्यक्रम के अवसर पर नृत्य कलाकार शान्ति चौधरी को उनके द्वारा इस क्षेत्र में किये गए उल्लेख्नीय व सराहनीय कार्यों व प्रस्तुतियों के लिए राजस्थान नृत्य कला रत्न से नवाजा गया।

श्री तेजा दर्शन महोत्सव 2020 में शान्ति चौधरी राजस्थान नृत्य कला रत्न से सम्मानित
श्री तेजा दर्शन महोत्सव 2020 में शान्ति चौधरी राजस्थान नृत्य कला रत्न से सम्मानित

बीकानेर। लोक देव वीर तेजाजी की 947 वीं जयन्ती पर राजस्थान के बीकानेर जिले के नोखा तहसील स्थित वीर तेजाजी मन्दिर में श्री तेजा दर्शन महोत्सव का आयोजन 8 से 10 फरवरी तक किया गया। इस कार्यक्रम में देश विदेश की सभी संस्कृतियों को लोक कला के माध्यम से दिखाया गया। कार्यक्रम में विशेषकर राजस्थानी संस्कृति को बढ़ावा देने वाले कलाकारों का मान सम्मान किया गया। पंजाब का भांगड़ा, गुजरात का गरबा, चरी नृत्य, अग्नि नृत्य आदि नृत्यों को प्रस्तुत किया गया एवं लोक कला को बढ़ावा दिया गया। कार्यक्रम में हिंदुस्तान के अनेक गायक, कलाकार, कवि, लेखक तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

इस कार्यक्रम के अवसर पर नृत्य कलाकार शान्ति चौधरी को उनके द्वारा इस क्षेत्र में किये गए उल्लेख्नीय व सराहनीय कार्यों व प्रस्तुतियों के लिए राजस्थान नृत्य कला रत्न से नवाजा गया। इस मौके पर संरक्षक मंडल तेजा दर्शन की ओर से मनोज माहेश्वरी नोखा बीकानेर, रिकबा राम बोला बेंगलुरु, पाबूराम गिटाला दक्षिण अफ्रीका, श्रीचंद ढाका गुवाहाटी, गजेंद्र अजमेरा सिंगर, भूंडा राम भीऊ पुत्र मांगीलाल सेहवाज पाली,  रणवीर बिजारणिया निदेशक सुमित्रा मेमोरियल स्कूल लोसल जिला सीकर, सुरेंद्र बाजिया बेंगलुरु, रामलाल बाजिया सीकर, कमल किशोर सोनी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

इस अवसर पर ब्रह्मदेव भास्कर प्रधानाध्यापक प्रचारक तेजा दर्शन पेमल जन्मभूमि शहर पनेर तहसील रुपनगढ़ जिला अजमेर ने बताया की मैं गौरवान्वित हूं कि इस कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने दिल से काम किया, दर्शकों का हार्दिक आभार प्रकट करता हूं कि इतनी बड़ी संख्या में आपने आए हुए मेहमानों का, हमारे अतिथियों का, हमारे गायक कलाकारों और नृत्य कारों को सम्मान दिया और वीर तेजाजी की महिमा को जन-जन तक पहुंचाने में अथक सहयोग प्रदान किया। इस महोत्सव में राजस्थान के जाने-माने 75 से अधिक गायक कलाकार और नृत्य कारों ने अपनी प्रस्तुतियां देकर महोत्सव को ऐतिहासिक बनाया।