Health Insurance Plan: अपने परिवार के लिए ऐसे चुनें बेस्ट हेल्थ इंश्योरेंस, इन बातों का रखें विशेष ध्यान

आपको हमेशा मेडिकल में कैशलेस सुविधा वाले प्लान लेने चाहिए. जब आपके पास पैसे नहीं होते हैं. ऐसे में कैशलेस सुविधा आपको एक बड़ी राहत देती है.

Health Insurance Plan: अपने परिवार के लिए ऐसे चुनें बेस्ट हेल्थ इंश्योरेंस, इन बातों का रखें विशेष ध्यान
Health Insurance Plan: अपने परिवार के लिए ऐसे चुनें बेस्ट हेल्थ इंश्योरेंस, इन बातों का रखें विशेष ध्यान

इस खबर में आपको Health Insurance Plan के बारे में बताने जा रहे है, किन बातों का ध्यान रखकर आप अच्छा और बेहतर हेल्थ इंश्योरेंस अपने और अपने परिवार के लिए करवा सकते है.

Health Insurance Plans in India : आप जब भी अपना हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीज (Health Insurance Plans) लेते है. तो उस दौरान कई चीजों का ध्यान आप नहीं रख पाते है. जिसके कारण आपको अपना प्रीमियम भी ज्यादा देना पड़ता है. साथ ही प्लान में खास फायदा आपको नहीं मिलता है.
 
सबसे पहले यह तय करें कि आप पॉलिसी सिर्फ अपने लिए ले रहे हैं या परिवार के लिए. इंडिविजुअल प्लान आप किसी मेडिकल हिस्ट्री को लेकर लें तो अच्छा है. वहीं, फैमिली फ्लोटर्स प्लान में एक से ज्यादा मेंबर्स को एक ही प्लान में कवर मिलता है. जैसे पति, पत्नी, बच्चे और बच्चों के दादा-दादी. इन सबके लिए आपको एक ही प्रिमियम देना होता है. लेकिन, यदि किसी फैमिली मेंबर की कोई मेडिकल हिस्ट्री है तो आप उनके लिए अलग से इंडिविजुअल प्लान ले सकते हैं.
 
कई बार प्लान में सिर्फ पति-पत्नी कवर होते हैं. कई बार पति-पत्नी और बच्चे होते हैं. कई बार आप और पेरेंट्स होते हैं. फिर कई प्लान में पति-पत्नी, बच्चे और दादा-दादी होते हैं. इसका ध्यान रखना होगा. फैमिली के लिए प्लान लेते समय बेसिक प्लान डे केयर कवर, एंबुलेंस कवर, आउट पेशेंट कवर, क्रिटिकल इलनेश प्रोटेक्शन नहीं देते हैं.
 
आपको हमेशा मेडिकल में कैशलेस सुविधा वाले प्लान लेने चाहिए. जब आपके पास पैसे नहीं होते हैं. ऐसे में कैशलेस सुविधा आपको एक बड़ी राहत देती है.
 
आप जब भी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान ले, तो सबसे पहले कंपनी से आपके शहर के अच्छे हॉस्पिटल्स है या नहीं देख ले. नहीं तो आपकी परेशानी बढ़ जाएगी. आप ऐसे प्लान लें, जिसमें आपके नजदीक हॉस्पिटल्स हों.
 
एक बात और आपको इंश्योरेंस कंपनी का सेटलमेंट रेशियो जरूर देखना चाहिए. अगर वो हाई है या लो है. इससे आपको ये पता चल जाएगा कि 1 साल में कंपनी के पास सेटलमेंट के लिए जितने केस आए, उसमें उसने कितने फीसदी को सेटल किया. ये रेशियो किसी भी कंपनी की क्रेडिबिलिटी और इंश्योरिटी को बताता है.