स्कूलों को 21वीं सदी के अनुरूप तैयार करने के उद्देश्य से बियॉन्ड स्कूल ने लखनऊ में ऑफलाइन अपस्किलिंग एकेडमिक प्रोग्राम्स की शुरुआत की
बियॉन्ड स्कूल महज़ दो वर्षों में, समूचे भारत में 10,000 से अधिक छात्रों और 20 से अधिक इंटरनेशनल मार्केट्स में कौशल-आधारित पाठ्यक्रम वितरित कर चुका है
लखनऊ: अपनी तरह की अनूठी इन-स्कूल स्किल लैब्स से परिपूर्ण अपस्किलिंग एजुकेशन कंपनी बियॉन्ड स्कूल उत्तर प्रदेश स्थित लखनऊ में स्कूलों में अपने विशेष पाठ्यक्रम की शुरुआत करने के लिए तैयार है। इस पहल के तहत किए जा रहे कंपनी के पहले चरण का लक्ष्य लखनऊ के 12 स्कूलों में 6,000 छात्रों का नामांकन करना है।
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 67.68% साक्षरता दर है और साथ ही 9,000 से अधिक स्कूल ऐसे हैं, जिनमें शिक्षा के सभी स्तर शामिल हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 [नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी)] के तहत देश को कौशल विकास के लिए प्रोत्साहित करने के तहत इस अपस्किलिंग प्लेटफॉर्म का उद्देश्य ट्रेडिशनल स्कूली शिक्षा की कमियों को दूर करते हुए, और प्रत्येक बच्चे के भविष्य की सफलता को ध्यान में रखते हुए जरुरी स्किल्स प्रदान करना है। कम्युनिकेशन लैब्स, डिज़ाइन थिंकिंग लैब्स, फाइनेंशियल लिटरेसी लैब्स और लॉजीमैथ लैब्स वाली अपनी स्किल लैब्स के जरिए, बियॉन्ड स्कूल ग्रेड 1 से 8 तक के छात्रों को कम्युनिकेशन, लॉजिकल और क्रिटिकल थिंकिंग, फाइनेंशियल लिटरेसी और डिज़ाइन थिंकिंग जैसी जरुरी स्किल्स के साथ सशक्त बनाने के लिए इन-स्कूल एकेडमिक प्रोग्राम्स की शुरुआत करेगा।
अपने विस्तार पर बोलते हुए और ब्रांड को डिजिटल से परे ले जाने पर, पायल गाबा, सीईओ और फाउंडर, बियॉन्ड स्कूल, ने कहा, "बदलती दुनिया के साथ ही भविष्य की नौकरियों की जरूरतें भी बदल गई हैं। अपने कम्युनिकेशन और फाइनेंशियल लिटरेसी लैब्स के लिए स्कूलों से मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया हमारे लिए बहुत मायने रखती है। हमारी प्रारंभिक मीटिंग्स के दौरान, स्कूल के प्रिंसिपल्स ने हमें बताया कि बच्चे अंग्रेजी बोलने और लिखने में तो सहज होते हैं, लेकिन जब बात आत्मविश्वास से अंग्रेजी भाषा बोलने की आती है, तो उन्हें अतिरिक्त मेहनत की जरुरत होती है। हमारी कम्युनिकेशन्स लैब में इस पर काम किया जाता है। एक अन्य मुद्दा जो उठाया गया था, वह था बच्चों में बेसिक फाइनेंशियल लिटरेसी की कमी और आज के बदलते समय में इसका महत्व।"
विशेष बात यह है कि इस डिजिटल एकेडमी ने अभिनेता बोमन ईरानी के साथ भागीदारी की है। बोमन को विचित्र कॉलेज हेड की भूमिका निभाने के रूप में विशेष पहचान प्राप्त है, जिन्हें कल्ट क्लासिक्स, जैसे- मुन्नाभाई एमबीबीएस और 3 इडियट्स में दमदार अभिनय करने के लिए जाना जाता है।
इस एसोसिएशन को लेकर बोमन ईरानी ने कहा, "मेरा मानना है कि मेरे अधिकतर किरदार हमेशा ही शिक्षा से जुड़े रहे हैं। ये किरदार हमारे एजुकेशन सिस्टम के आवश्यक पहलुओं के साथ-साथ सीमाओं पर चर्चा करने में विशेष रहे हैं। मैं बियॉन्ड स्कूल का आभारी हूँ कि वे मुझे मानद डीन के रूप में देखते हैं, लेकिन इस मामले में डीन बोमन ईरानी एक ऐसा कंटेम्पररी, फ्रेंडलीयर स्कूल अथॉरिटी है, जो स्कूल से परे अपस्किलिंग के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करता है।"
अतुल चुघ, सीओओ और फाउंडर, बियॉन्ड स्कूल, ने कहा, "कोविड हमें टेक्नोलॉजी के महत्व को समझाने में मददगार साबित हुआ है। इसने हमें बताया कि टेक्नोलॉजी बच्चों के सीखने के परिणामों में कैसे इजाफा कर सकती है। इसलिए, स्कूलों में फिजिकल क्लासेस में उपस्थित के साथ ही, हमारा स्किलमास्टर ऐप और अन्य डिजिटल टूल्स क्रमशः स्कूल कक्षाओं और घर पर अभ्यासों में सिंक्रोनस और एसिंक्रोनस टीचिंग दोनों के रूप में हाइब्रिड लर्निंग को बढ़ावा देंगे।"
महज़ दो वर्षों की छोटी अवधि में, बियॉन्ड स्कूल, भारत वर्ष में 10,000 से अधिक छात्रों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाने में सक्षम रहा है और 20 से अधिक देशों ने अपने प्रोग्राम्स को शुरू करने के बाद सकारात्मक परिणाम देखे हैं। अपस्किलिंग एजुकेशन कंपनी ने लंदन के ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, ग्लोबल ओलंपियाड्स और STEM.org के साथ इंटरनेशनल एकेडमिक सहयोग किया है।
एल्ड्रोक इंडिया के12 (ELDROK India K12) समिट में "मोस्ट इनोवेटिव सॉल्यूशंस फॉर 21st सेंचुरी अपस्किलिंग" से सम्मानित, इस प्लेटफॉर्म की स्थापना दो प्रोफेशनल्स द्वारा की गई थी, जो शीर्ष भारतीय और इंटरनेशनल यूनिवर्सिटीज़ के जनक, सीएक्सओ तथा एमबीए ग्रेड्स हैं, जिन्हें 45 से अधिक वर्षों का एक संयुक्त समृद्ध इंडस्ट्री अनुभव है और TFI, NYU, HKUST और IIT के अत्यधिक प्रशंसित एकेडमिक टीम, रिसर्चर्स और एडवाइज़र्स के नेतृत्व में है।