ASBL के 'Beyond Four Walls' इवेंट से रियल एस्टेट में सहयोग का नया अध्याय शुरू

Oct 25, 2025 - 16:20
Oct 25, 2025 - 16:23
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ASBL के 'Beyond Four Walls' इवेंट से रियल एस्टेट में सहयोग का नया अध्याय शुरू
ASBL के 'Beyond Four Walls' इवेंट से रियल एस्टेट में सहयोग का नया अध्याय शुरू

हैदराबाद, तेलंगाना, भारत

भारत के सबसे दूरदर्शी रियल एस्टेट डेवलपर्स में से एक, ASBL ने “Beyond Four Walls” कार्यक्रम की मेजबानी की जो हैदराबाद में इस प्रकार का पहला उद्योग आधारित कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम रियल एस्टेट ब्रोकर्स और सेक्टर को बढ़ावा देने में व उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को समर्पित था। यह एक पारंपरिक समारोह नहीं था जो केवल क्रय-विक्रय पर केन्द्रित होते हैं। इसके विपरीत इस पहल ने ब्रोकर्स और डेवलपर्स को एक साथ लाने के लिए एक खुले मंच (open forum) के रूप में कार्य किया, जिससे सहयोग, पारदर्शिता और रियल एस्टेट के भविष्य पर संवाद को बढ़ावा मिला।


ASBL का बियोंड फोर वॉलज़


 इंडस्ट्री की आवाज़ उठाने वाला एक मंच

इस इवेंट में चर्चा एवं विचार-विमर्श के लिए देशभर से प्रमुख आवाज़ें एक साथ आईं। डेवलपर्स का प्रतिनिधित्व करते हुए, ASBL के संस्थापक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजितेश कोरुपोलू ने सैकड़ों बिल्डरों की आवाज़ उठाई जबकि ब्रोकर्स के दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व रवि केवलरमानी, मयंक अग्रवाल और दीप्ती मलेक जैसे राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त लीडर्स ने किया।

ब्रोकर्स, चैनल पार्टनर्स और रियल एस्टेट पेशेवरों से बने दर्शकों के साथ इस इवेंट ने एक ऐसा स्थान बनाया जहाँ विचारों को स्वतंत्र रूप से और सीधे रखा जा सका।

मुख्य विषय और चर्चा

पैनल और दर्शकों ने आज के रियल एस्टेट बाजार से संबंधित मुद्दों के एक विस्तृत स्पेक्ट्रम पर विचार-विमर्श किया:

  • शहरों की तुलना और बुनियादी ढाँचा : मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद की जीवनशैली, बुनियादी ढाँचे और सामर्थ्य (affordability) के आधार पर तुलना की गई। पैनलिस्टों ने हैदराबाद के ‘प्लानिंग-फर्स्ट’ दृष्टिकोण की प्रशंसा की और इसकी बढ़ती स्थिति पर प्रकाश डाला।
  • भारतीय रियल एस्टेट का भविष्य (20-30 साल आगे): भविष्यवाणियां वर्टिकल मेगा-सिटी और सैटेलाइट टाउनशिप से लेकर टेक्नोलॉजी-संचालित योजना और NRI मांग के साथ हाइब्रिड, टिकाऊ क्लस्टर तक रहीं।
  • शहरों में खरीदारों की प्राथमिकताएं : युवा खरीदारों को अधिक तर्क-संचालित (logic-driven) के रूप में देखा गया, जो capital appreciation और रेंटल यील्ड की तलाश में हैं। Mumbai में लग्ज़री खरीददारों को स्थान और दृश्यों के लिए अत्यधिक प्रीमियम का भुगतान करते हुए देखा गया, जबकि हैदराबाद वैल्यू-संचालित, विशाल घरों के लिए सबसे अलग रहा।
  • टेक्नोलॉजी की भूमिका : पैनल ने इस बात पर चर्ची की कि डिस्कवरी ऑनलाइन कैसे हुई है और यह कि अगला कदम खरीददार और ब्रोकर के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए लेन-देन, दस्तावेज़ीकरण और एट्रिब्यूशन को डिजिटाइज़ करने में निहित है।
     

ब्रोकर को आने वाली चुनौतियाँ

इस चर्चा के दौरान एक समर्पित हिस्सा और दर्शकों के कई सवाल ब्रोकर्स के सामने आने वाली चुनौतियों पर केंद्रित थे। क्लाइंट्स द्वारा ब्रोकर्स को बाईपास करने, कमीशन में देरी या इनकार और केंद्रीकृत नियमन की कमी जैसे मुद्दे उठाए गए। पैनलिस्टों ने मजबूत एट्रिब्यूशन सिस्टम, डेवलपर्स के साथ पारदर्शी संचार और दीर्घकालिक साझेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया जो ब्रोकर्स के प्रयासों की रक्षा करते हुए निष्पक्ष सहयोग सुनिश्चित करे।
 

यह क्यों मायने रखता है

ब्रोकर्स को मंच देकर ASBL ने निर्माण से परे सहयोग में अपना विश्वास प्रदर्शित किया। इस पहल ने डेवलपर्स और ब्रोकर्स के बीच दूरी को कम करने का काम किया व इस विचार को मजबूत किया कि भारतीय रियल एस्टेट में प्रगति साझा विश्वास और खुले संवाद पर निर्भर करती है।
 

इवेंट में बोलते हुए, अजितेश कोरुपोलू ने कहा, “हमारा दृष्टिकोण घर बनाने से आगे बढ़कर, भरोसे का इकोसिस्टम बनाने का है। ब्रोकर्स के लिए एक पारदर्शी, सम्मानजनक मंच बनाकर हम सुनिश्चित करते हैं कि खरीदार और विक्रेता दोनों को मजबूत अधिक सहयोगी उद्योग प्रथाओं से लाभ मिले।”
 

स्पॉटलाइट में हैदराबाद

पैनलिस्टों ने हैदराबाद के बुनियादी ढाँचे, सामर्थ्य और रहने योग्य होने की प्रशंसा की इसे भारत के “उभरते सितारे” के रूप में स्थापित किया। चर्चाओं में शहर के उच्च-उदय सामर्थ्य, मजबूत बुनियादी ढाँचे, और बढ़ते IT/फार्मा क्षेत्रों के संतुलन पर प्रकाश डाला गया, जिससे यह न केवल एक आकर्षक बाजार बन गया है, बल्कि भविष्य के शहरी विकास के लिए एक खाका (blueprint) भी बन गया है।