गौ रक्षा रत्न सम्मान 2025: मुंबई में गौसेवा के समर्पित कार्यकर्ताओं का हुआ सम्मान

मुंबई (महाराष्ट्र), सितंबर 20 : बोरीवली (पश्चिम) स्थित कोरा केंद्र मैदान में 3 सितम्बर 2025 को भव्य गौ रक्षा रत्न सम्मान समारोह 2025 का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम डॉ. वैदेही तामण और वेद शास्त्र रिसर्च एंड फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।
इस अवसर पर ज्योतिर्मठ बद्रिकाश्रम के 46वें एवं वर्तमान जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज स्वयं पधारे और अपने करकमलों से गोरक्षा और गौसेवा में उल्लेखनीय योगदान देने वाले विभूतियों को सम्मानित किया।
समारोह में अलग-अलग श्रेणियों के गोरक्षकों और संस्थाओं को उनके योगदान के आधार पर सम्मानित किया गया।
तकनीकी नवाचार श्रेणी में अक्षय रिडलान को सम्मान मिला, जिन्होंने Ridlan AI Foundation के माध्यम से ‘AI सक्षम गौ रक्षा कवच’ तैयार कर गोवंश की सुरक्षा में तकनीक का नया अध्याय जोड़ा।
सामाजिक आंदोलन श्रेणी में विजयकांत चौहान को सम्मानित किया गया। उन्होंने वंदे मातरम् मिशन एक चिंगारी ट्रस्ट के जरिए ‘एक रुपया, एक रोटी गोमाता को’ का अभियान चलाकर गौसेवा को जनांदोलन का रूप दिया।
कानूनी संघर्ष की श्रेणी में अधिवक्ता मनोज रतिलाल रायचा को सम्मान मिला, जिन्होंने गोरक्षा कानूनों की रक्षा में लगातार संघर्ष किया और हमलों का सामना करने के बावजूद डटे रहे।
पशु आश्रय और सेवा केंद्र श्रेणी में अहिंसाधाम – भगवान महावीर पशु रक्षा केंद्र और ध्यान फाउंडेशन को सम्मानित किया गया। दोनों संस्थाओं ने हजारों परित्यक्त और घायल गौओं को आश्रय और उपचार उपलब्ध कराया।
ग्राम स्तर की सेवा श्रेणी में संतोष लडकु पाटील और हरिओम शर्मा को सम्मानित किया गया। पाटील ने पंचगव्य आधारित औषधियों के माध्यम से गौमाता का महत्व बताया, जबकि शर्मा ने साधु पथ पर चलते हुए अपना जीवन गोरक्षा को समर्पित किया।
गोशाला और मंदिर प्रबंधन श्रेणी में कल्याणेश्वर महादेव मंदिर, श्री लीला पुरुषोत्तम गौशाला सेवा ट्रस्ट, अगरवाल गीर गौशाला रायते और सरसेनापति हंबीरराव मोहिते गौशाला को उनके संरक्षण और सेवा कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।
युवा और सामूहिक प्रयास श्रेणी में विवेक लंकेश, सतीश कुमार, सुनिल पाईल और जालाराम गोपाल गौसेवा मित्र मंडल को सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय स्तर की गौसेवा श्रेणी में हैदराबाद के अजय राज शर्मा को सम्मान मिला। वे वर्तमान में 2000 से अधिक गौओं का पालन कर रहे हैं और अब तक 30,000 से अधिक किसानों को निःशुल्क गौवंश प्रदान कर चुके हैं।
ग्राम विकास और गौसंवर्धन श्रेणी में पालघर की सेवा विवेक संस्था को सम्मानित किया गया, जिसने आदिवासी समाज को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ गौसंरक्षण को भी अपने कार्य का केंद्र बनाया।
इस अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा—
“संसार का सबसे बड़ा युद्ध भीतर चलता है—अज्ञान और आत्मज्ञान के बीच। जो इस युद्ध में अपने भीतर के सत्य को जीत लेता है, वही बाहर की हर हार को भी विजय में बदल देता है।”
उन्होंने गौमाता की सेवा को सनातन संस्कृति और समाज की समृद्धि का आधार बताया।
आयोजक और पत्रकार डॉ. वैदेही तामण ने कहा—
“गौमाता हमारी संस्कृति और जीवन का आधार हैं। यह सम्मान उन विभूतियों का अभिनंदन है जिन्होंने निस्वार्थ भाव से गौसेवा को अपने जीवन का ध्येय बनाया। उनके कार्य समाज के लिए मार्गदर्शक और प्रेरक शक्ति हैं।”
समारोह में बड़ी संख्या में संत, समाजसेवी और नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम को गौसेवा और गोरक्षा की दिशा में एक प्रेरक कदम माना गया।