गौरव देवासी की फिल्म गोरा बादल दिखाएगी राजपूतों का शौर्य

गौरव देवासी की गोरा बादल फिल्म राजपूतों की वीरता को दर्शाती है, जो चित्तौड़गढ़ में शूट हुई।

Aug 23, 2025 - 13:51
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गौरव देवासी की फिल्म गोरा बादल दिखाएगी राजपूतों का शौर्य
गौरव देवासी की फिल्म गोरा बादल दिखाएगी राजपूतों का शौर्य

जयपुर, राजस्थान: राजस्थान के उभरते हुए अभिनेता गौरव देवासी अपनी नई फिल्म गोरा बादल के साथ राजपूतों की वीरता और शौर्य की गाथा को बड़े पर्दे पर लाने के लिए तैयार हैं। यह फिल्म, जो बॉलीवुड की चर्चित फिल्म पद्मावत की तर्ज पर बनाई गई है, ऐतिहासिक घटनाओं और राजपूत संस्कृति को जीवंत करती है। चित्तौड़गढ़ के बस्सी किले में शूट की गई यह फिल्म राजस्थानी सिनेमा को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का वादा करती है।

गोरा बादल की कहानी: वीरता और बलिदान

गोरा बादल की कहानी मेवाड़ के दो वीर योद्धाओं, गोरा और बादल, के इर्द-गिर्द घूमती है, जो चित्तौड़ के राजा रावल रतन सिंह और रानी पद्मिनी की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे देते हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे अलाउद्दीन खिलजी (परेश भट्ट) मित्रता का बहाना बनाकर रावल रतन सिंह को बंदी बनाता है और रानी पद्मिनी को अपने पास भेजने की मांग करता है। इस संकट से निपटने के लिए रानी पद्मिनी एक चतुर रणनीति अपनाती हैं। उनकी पालकियों में रानी की जगह वेश बदलकर गोरा (जिसका किरदार गौरव देवासी निभा रहे हैं) मौजूद होता है। गोरा और अन्य राजपूत योद्धा खिलजी की सेना पर टूट पड़ते हैं और रावल रतन सिंह को सुरक्षित दुर्ग तक पहुंचाते हैं। इस युद्ध में गोरा और बादल वीरगति को प्राप्त होते हैं, जिससे उनकी वीरता अमर हो जाती है।

गौरव देवासी ने फिल्म की कहानी का जिक्र करते हुए बताया, "जब खिलजी शिकार के लिए जंगल जाता है, तब एक महफिल में अलदीन (मेरा किरदार) अपने तीर से खिलजी को घायल कर देता है। यह दृश्य राजपूतों की नन्हीं और शौर्य को दर्शाता है।" उनकी यह भूमिका नकारात्मक होते हुए भी दर्शकों को प्रभावित करने वाली है, क्योंकि यह किरदार राजपूतों की रणनीति और साहस को उजागर करता है।

गौरव देवासी: राजस्थान का गौरव

गौरव देवासी, जो राजस्थान के पाली जिले के कोठार गांव से ताल्लुक रखते हैं, ने अपने अभिनय करियर में पहले ही आठ राजस्थानी फिल्मों में अपनी छाप छोड़ी है। एक साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले गौरव ने कठिन परिश्रम और लगन से सिनेमा जगत में अपनी जगह बनाई है। इस फिल्म में उनकी नकारात्मक भूमिका, जो अलदीन के रूप में है, दर्शकों को एक नया दृष्टिकोण प्रदान करती है। उनकी अभिनय शैली और समर्पण ने उन्हें राजस्थानी सिनेमा में एक जाना-माना नाम बना दिया है।

गौरव ने अपनी यात्रा के बारे में कहा, "मैंने एक गरीब परिवार से शुरूआत की, लेकिन मेहनत और जुनून ने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया। गोरा बादल मेरे लिए एक विशेष प्रोजेक्ट है, क्योंकि यह राजस्थान की संस्कृति और इतिहास को दुनिया के सामने लाता है।"

फिल्म का निर्माण और समर्थन

फिल्म के निर्देशक दिनेश राजपुरोहित और निर्माता खुश्बू सिंह इस प्रोजेक्ट को लेकर उत्साहित हैं। खुश्बू सिंह ने बताया, "हमारी कोशिश है कि यह फिल्म न केवल मनोरंजन करे, बल्कि राजस्थान की समृद्ध संस्कृति को भी उजागर करे।" फिल्म को करनी सेना का मजबूत समर्थन प्राप्त है, जो इसे राजपूत समुदाय की भावनाओं से जोड़ता है। यह समर्थन फिल्म को और प्रामाणिक बनाता है, क्योंकि यह राजस्थान के इतिहास और गौरव को सटीकता के साथ प्रस्तुत करने का दावा करती है।

राजस्थानी सिनेमा को नई दिशा

गोरा बादल न केवल एक ऐतिहासिक ड्रामा है, बल्कि यह राजस्थानी सिनेमा को वैश्विक मंच पर ले जाने की एक कोशिश भी है। यह फिल्म पद्मावत से प्रेरित होकर भी अपनी अनूठी पहचान बनाती है, क्योंकि यह स्थानीय संस्कृति और इतिहास पर केंद्रित है। चित्तौड़गढ़ के ऐतिहासिक किले में शूटिंग ने फिल्म को एक प्रामाणिक और भव्य रूप प्रदान किया है।