टेक्नोलॉजी से TrueGiv स्कूलों में CSR को बना रहा पारदर्शी और असरदार

Aug 2, 2025 - 13:59
Aug 2, 2025 - 14:05
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टेक्नोलॉजी से TrueGiv स्कूलों में CSR को बना रहा पारदर्शी और असरदार
टेक्नोलॉजी से TrueGiv स्कूलों में CSR को बना रहा पारदर्शी और असरदार

 

नई दिल्ली : एक तकनीक-संचालित एनजीओ, जो भारत भर के स्कूलों तक महत्वपूर्ण संसाधन पहुंचाने और साझेदारियों को सहज बनाने में अग्रणी है।

आज के समय में, जहाँ एक क्लिक पर कोई भी सामान घर तक पहुँच जाता है और पैसे सेकंडों में ट्रांसफर हो जाते हैं, यह सवाल उठना स्वाभाविक है:

शैक्षिक संस्थानों पर सामाजिक प्रभाव डालना इतना आसान क्यों नहीं हो सकता?

“2047 #2047 शिक्षित भारत, विकसित भारत” के विज़न के साथ, TrueGiv इस चुनौती का समाधान तलाशने के लिए तत्पर है।

TrueGiv की तकनीकी आधारित पहल प्रभावी साझेदार बनाकर और संसाधनों की पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में समावेशी विकास को बढ़ावा दे रही है।


एक नई technology-आधारित चैरिटी, TrueGiv, लोगों और कंपनियों के लिए भारतीय स्कूलों की मदद करने के तरीके को बदल रही है। उनका विशेष ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म दानदाताओं और कंपनियों को सीधे उन स्कूलों से जोड़ता है जिन्हें संसाधनों की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है, जिनसे बच्चों के जीवन में सुधार करना अब पहले से कहीं अधिक आसान, पारदर्शी और कारगर हो गया है।

स्कूलों को सपोर्ट करना अब शॉपिंग जितना आसान

आज जहाँ ऑनलाइन सामान खरीदना या बिल भरना आम बात है, वहीं स्कूलों की मदद करना इतना ही झंझट-रहित क्यों नहीं? TrueGiv ने इसी सवाल का जवाब तलाशा। उनकी वेबसाइट हर जगह के शिक्षकों और स्कूल लीडर्स को मौका देती है कि वे अपनी वास्तविक ज़रूरतें—जैसे डेस्क, ब्लैकबोर्ड, खेल-कूद के सामान या बच्चों के लिए म्यूज़िक सिस्टम — की उनकी ज़रूरत को TrueGiv की वेबसाइट पर लिस्ट करें। कोई भी व्यक्ति या संस्था इन ज़रूरतों को देख सकते हैं, स्कूल चुन सकते हैं और उन्हें ऑनलाइन दान करने का विकल्प चुन सकते हैं। उसके बाद का सारा काम TrueGiv संभालता है— जैसे कि सामान खरीदना और सीधा स्कूल तक पहुंचाना, न कोई बिचौलिया, न कोई पेचीदा कागजी कार्रवाई।

CSR फंडिंग गैप को खत्म करना है उद्देश्य

भारत में कंपनियों के लिए कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) संबंधी धन खर्च करना कानूनी तौर पर अनिवार्य है—विशेषकर शिक्षा और स्वास्थ्य पर। लेकिन वास्तविकता यह है कि इस धन का बड़ा हिस्सा उन लोगों तक नहीं पहुंचता जिन्हें उसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है। TrueGiv technology की मदद से इस समस्या का समाधान कर रहा है, जिससे राजस्थान, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और नॉर्थईस्ट जैसे सुदूर क्षेत्रों के स्कूलों को भी उसका लाभ मिल सके।

दानकर्ताओं  के लिए पूरी पारदर्शिता

कई लोग मदद तो करना तो चाहते हैं, पर डरते हैं कि उनका दिया दान वास्तव में सही जगह पहुंचेगा भी या नहीं। TrueGiv का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म इस बात का पूरा भरोसा दिलाता है। दानकर्ता को शुरुआत से लेकर स्कूल तक होने वाली डिलीवरी तक की हर जानकारी और अपडेट्स मिलते हैं। सब कुछ ट्रैक किया जाता है और स्पष्ट तौर पर बताया जाता है—जिससे आप देख सकते हैं कि आपकी मदद से सच में कितना बदलाव आया।

 बदलाव की वास्तविक कहानियाँ

TrueGiv की वजह से राजस्थान जैसे राज्यों के स्कूलों को फर्नीचर, पंखे, स्पोर्ट्स किट और लर्निंग टूल्स मिले हैं—जिनसे बच्चों की पढ़ाई और परिवेश दोनों में बड़ा बदलाव आया है। वहाँ के शिक्षक बताते हैं कि किस तरह संसाधन मिलते ही क्लासरूम में सकारात्मकता बदलाव देखने को मिला और बच्चों का उत्साह बढ़ गया।

कंपनियों और लीडर्स की पसंद

हमारा दृढ़ विश्वास है कि व्यवसायों की बुनियादी ज़िम्मेदारी उन समुदायों के विकास में योगदान देना है जिनके लिए वे काम करते हैं। कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) सिर्फ एक नियम नहीं है, बल्कि हमारे मूल्यों और समावेशी विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है। पारदर्शिता और प्रभाव पर हमारा जोर रहा कि हम अपने CSR कार्यक्रमों के लिए सबसे उपयुक्त साझेदार चुनें। TruGive का तकनीकी प्लेटफ़ॉर्म हमें फंड के सही उपयोग की स्पष्टता, जवाबदेही, और यह भरोसा देता है कि हमारे CSR प्रयास वाकई जरूरतमंदों तक पहुंच रहे हैं,” ऐसा कहना है, Ingersoll Rand Technologies & Services Pvt. Ltd. के श्री विजय कुमार श्री रामगिरी, प्रबंध निदेशक इंडिया, पावर टूल्स बिजनेस

अभियान में जुड़ें!

TrueGiv सभी व्यक्तियों, कंपनियों और संस्थाओं को आमंत्रित करता है कि वे ऐसे वंचित बच्चों की शिक्षा के इस अभियान से जुड़ें। जब technology और मानवता के भाव के साथ स्कूलों की मदद की जाएगी, तो बदलाव संभव है—और जरूरतमंद बच्चों का जीवन सचमुच बदला जा सकता है।