अनूठा विवाह : 151 बुजुर्ग जोड़ों ने फिर लिए 7 फेरे, बारात में जमकर नाचे नाती-पोते

भारत विकास परिषद और अखिल विश्व गायत्री परिवार के सहयोग से आयोजित सामूहिक विवाह का नजारा अनोखा था। रिटायर्ड इंजीनियर विनोद गंगवाल व करीब 6-7 दुल्हा घोड़ी पर चढ़कर शादी रचाने आए।

Mon, 31 Oct 2022 02:21 PM (IST)
 0
अनूठा विवाह : 151 बुजुर्ग जोड़ों ने फिर लिए 7 फेरे, बारात में जमकर नाचे नाती-पोते
अनूठा विवाह : 151 बुजुर्ग जोड़ों ने फिर लिए 7 फेरे, बारात में जमकर नाचे नाती-पोते

मध्य प्रदेश में हुए एक सामूहिक रूप से अनूठा विवाह कार्यक्रम हुआ. जिसमें 151 दंपतियों ने अपने जीवनसाथी से पुन: शादी कर सात फेरों के साथ सात वचन निभाने की कसम खाई। इस शादी समारोह में नाती-पातों ने जमकर डांस किया।

भारत विकास परिषद और अखिल विश्व गायत्री परिवार के सहयोग से आयोजित सामूहिक विवाह का नजारा अनोखा था। रिटायर्ड इंजीनियर विनोद गंगवाल व करीब 6-7 दुल्हा घोड़ी पर चढ़कर शादी रचाने आए। रिटायर्ड डिप्टी रेंजर महेश राठौर 62 वर्षीय भी दूल्हा बने। राठौर की कमर में दर्द था  वे नीचे नहीं बैठ पा रहे थे  इसलिए टेबल-कुर्सी पर ही विवाह की रस्में पूरी की। दंपती ने कहा कि भले ही कमर में दर्द हो, लेकिन हमारे हौंसले को ये दर्द भी रोक नहीं सकता।

एलआईसी के विकास अधिकारी मनीष शुक्ला व पत्नी शिवा शुल्ला ने अपनी यादों को ताजा करते हुए, 25 साल पुराने शादी के जोड़े को निकालकर पहना। बारात में बुजुर्ग और उनके दोस्तों ने जमकर डांस करते हुए फूलों की बारिश की। वृद्ध दंपतियों के चहरे भी खिल उठे। दंपतियों ने एक से बढ़कर एक शादी के जोड़े पहने थे। विनोद-सुनीता गंगवाल, सनत-चित्रा श्रीमली ने कहा समाज को जागरुक करने वाले इस तरह के आयोजन की बहुत जरूरत है।

नवकार नगर स्थित गार्डन में हुई शादी का ऐसा अनूठा उल्लास शहर में पहली बार देखने को मिला.l। गार्डन भी दुल्हन की तरह सजाया गया था। भारत विकास परिषद के अध्यक्ष अजय लाड़ ने बताया कार्यक्रम का उद्देश्य गृहस्थ जीवन में बढ़ रही दूरियों को कम करने का प्रयास है।  चिंता का विषय हो गई है कि वर्तमान समाज का पतन इतना हो गया है कि माता-पिता, दादा-दादी का बटवारा होने लगा है।

परिवार में नित्य लड़ाई झगड़े मन मुटाव, ईष्या-द्वेष, पक्षपात दिनों दिन बढते जा रहे हैं. हमारे परिवारों में स्नेह, मान-सम्मान, त्योग, सहकार का सर्वथा अभाव हो गया है. संयुक्त परिवार अब उंगलियों पर गिने जा सकते हैं। आज परिवार की परिभाषा बदल गई है. पति-पति बच्चे बस यही परिवार माना जाने लगा है। इन्हीं विषयों को ध्यान में रखते हुए खंडवा शहर के सामाजिक कार्यकर्ता, प्रतिनिधि, समाजसेवी व अन्य 151 दंपतियों ने पुन: सात फेरे लेकर गृहस्थ जीवन के सात बचनों को याद दिलाने का प्रयास किया है। 

Junja Ram Journalist at Sangri Times , Cover - Cinema , Entertainment etc. Email: junjaram@sangritimes.com