ईशा कोप्पिकर का ‘रॉकेटशिप’ में भावनात्मक किरदार

ईशा कोप्पिकर ने ‘रॉकेटशिप’ में अभिनय कर युवा फिल्मकारों को दिया समर्थन, मां-बेटी की भावुक कहानी।

Aug 12, 2025 - 19:49
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ईशा कोप्पिकर का ‘रॉकेटशिप’ में भावनात्मक किरदार
ईशा कोप्पिकर का ‘रॉकेटशिप’ में भावनात्मक किरदार

मुंबई (अनिल बेदाग) : हिंदी सिनेमा की बहुमुखी प्रतिभा वाली अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर ने एक बार फिर साबित किया है कि वह न केवल अपनी अदाकारी से बल्कि अपने सहयोग और प्रेरणा से भी नई पीढ़ी के फिल्मकारों के लिए मार्गदर्शक हैं। उन्होंने सुभाष घई के प्रतिष्ठित संस्थान ‘व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल अकादमी’ के फिल्म निर्माण छात्रों के डिप्लोमा प्रोजेक्ट ‘रॉकेटशिप’ में अभिनय कर अपने अनुभव और स्टार पॉवर से छात्रों के सपनों को साकार करने में अहम भूमिका निभाई है।

ईशा कहती हैं, “जब छात्रों ने मुझसे संपर्क किया, तो मैं तुरंत तैयार हो गई। उनकी कहानी और स्क्रिप्ट सुनते ही उनकी प्रतिभा और जुनून साफ़ नज़र आया। मैं इनसे जुड़ाव महसूस करती हूँ क्योंकि मैंने भी अपना सफर बिना किसी गॉडफादर के शुरू किया था। इन बच्चों को अपने सपनों की शुरुआत करते देखना मेरे लिए गर्व और खुशी की बात है।”

आज ‘रॉकेटशिप’ का पहला पोस्टर जारी किया गया, जो यह दर्शाता है कि यह फिल्म दर्शकों के दिल को छू लेने वाली भावनात्मक कहानी पेश करेगी। कहानी की मुख्य धुरी मां-बेटी का रिश्ता है, जिसमें ईशा कोप्पिकर का किरदार विशेष रूप से संवेदनशील और गहन भावनाओं से भरा हुआ है।

यह फिल्म केवल एक शैक्षिक प्रोजेक्ट नहीं बल्कि रचनात्मकता, मेहनत और मेंटरशिप का सुंदर उदाहरण है। व्हिसलिंग वुड्स के छात्रों के लिए यह अवसर इंडस्ट्री के वास्तविक अनुभव का हिस्सा बनने का मौका है, वहीं ईशा के लिए यह नई सोच और दृष्टिकोण से जुड़ने का माध्यम।

ईशा की भागीदारी केवल एक कलाकार के तौर पर नहीं है, बल्कि यह अनुभव और नई पीढ़ी के उत्साह का संगम है। उनका सहयोग एक ऐसी रचनात्मक प्रक्रिया को जन्म देता है जिसमें पारंपरिक फिल्म निर्माण की समझ और आधुनिक कहानी कहने के तरीके एक-दूसरे को समृद्ध करते हैं।

जैसे-जैसे ‘रॉकेटशिप’ अपनी रिलीज़ के करीब पहुंच रही है, यह फिल्म एक उदाहरण बन रही है कि कैसे अनुभवी कलाकारों और युवा फिल्मकारों का सहयोग भारतीय सिनेमा को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। यह कहानी न केवल पर्दे पर बल्कि पर्दे के पीछे भी प्रेरणा का स्रोत है—जहां सपनों को हकीकत में बदलने के लिए जुनून, मार्गदर्शन और मेहनत का संगम देखने को मिलता है।