नीतू जोशी की पहल से गढ़चिरौली के आदिवासी युवाओं को मिला नया जीवन

गढ़चिरौली की आदिवासी बस्तियों में नीतू जोशी और मियाम चैरिटेबल ट्रस्ट की पहल ने सैकड़ों युवाओं को सेना, पुलिस और अन्य सरकारी नौकरियों के लिए तैयार कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है।

Jul 15, 2025 - 12:03
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नीतू जोशी की पहल से गढ़चिरौली के आदिवासी युवाओं को मिला नया जीवन
नीतू जोशी की पहल से गढ़चिरौली के आदिवासी युवाओं को मिला नया जीवन

मुंबई (अनिल बेदाग), 15 जुलाई 2025: महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित और विकास से वंचित माने जाने वाले गढ़चिरौली जिले में अब बदलाव की बयार बहने लगी है। यह परिवर्तन एक विशेष पहल "हर घर नौकरी, जीवन भर रोशनी" के जरिए संभव हो पाया है, जिसे सामाजिक कार्यकर्ता नीतू जोशी और उनकी संस्था मियाम चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा सुरजागढ़ इस्पात प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।

इस पहल के माध्यम से जिले के सैकड़ों आदिवासी युवाओं को सेना, पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), और वन विभाग जैसी सरकारी नौकरियों के लिए तैयार किया जा रहा है। वड्दलापेट (तालुका अहेरी) जैसे दूरदराज के क्षेत्रों में युवाओं को मुफ्त शारीरिक प्रशिक्षण, शैक्षणिक कोचिंग, डिजिटल शिक्षा, पोषण और यात्रा की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

नीतू जोशी ने बताया, “एक सरकारी नौकरी न सिर्फ एक युवा का जीवन बदल सकती है, बल्कि उसके पूरे परिवार का भविष्य संवार सकती है। हमारा लक्ष्य है कि हर आदिवासी घर तक यह अवसर पहुंचे।”

गढ़चिरौली जैसे क्षेत्र में जहां विकास की संभावनाएं हमेशा से चुनौतीपूर्ण रही हैं, वहां यह पहल आत्मनिर्भरता की एक नई मिसाल पेश कर रही है। सुरजागढ़ इस्पात प्रा. लि. द्वारा दी जा रही आर्थिक सहायता और मियाम ट्रस्ट के सामाजिक संकल्प के कारण यह कार्यक्रम अब एक स्थायी परिवर्तन की दिशा में कदम बन चुका है।

इस योजना का मूल उद्देश्य युवाओं को न केवल रोज़गार देना है, बल्कि उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार कर मुख्यधारा से जोड़ना भी है। प्रशिक्षण केंद्रों में लड़के और लड़कियों को समान रूप से अवसर दिए जा रहे हैं और अब तक कई अभ्यर्थी सरकारी नौकरियों में चयनित भी हो चुके हैं।

यह पहल यह भी दर्शाती है कि यदि सही दिशा और समर्थन मिले, तो सबसे पिछड़े और संघर्षशील क्षेत्र में भी सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। गढ़चिरौली में यह प्रयास एक सामाजिक आंदोलन का रूप लेता जा रहा है, जो भविष्य में और भी युवाओं को सशक्त करेगा।